V.S Awasthi

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हिन्दी दिवस




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नारी
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नारी तुम अबला बन क्यों आई
तुमको ज्वाला बन आना था
धरती के सभी दरिन्दों को
तुमको तो यहीं जलाना था
यै हैं कलियुग के चण्ड मुण्ड
इन सबका तुम संहार करो
नर मुण्डों की माल बना बना
माँ काली का श्रंगार करो 
तुम हो दुर्गा का अंश रुप 
तुमको चण्डी बन जाना है
धरती के सभी दरिन्दों को
धरती से खत्म कराना है
हथियार तुम्हें लेना होगा
अपनी रक्षा करनी होगी
जो भी तुम पर है वार करे
उसकी हत्या करनी होगी


विद्या शंकर अवस्थी पथिक कल्यानपुर कानपुर

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7 Comments

बहुत ही विद्रोह युक्त पंक्तियाँ हैं,,,, ये हैं कलियुग वाली लाइन में यै को ठीक करें

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Renu

08-Sep-2022 08:43 PM

Nice

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Reena yadav

08-Sep-2022 04:04 PM

Very nice 👍

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